Tuesday, March 27, 2012

Kaash...

हसरते जी उठती है जब दिल से आती है आवाज़... काश
इश्क की कशिश देती है पैगाम के ये होता...काश
ज़मीं से आसमान नहीं मिलेगा चाहे कितना भी कह दो...काश
क्षितिज ही सही, कही तो सच होता है ये....काश...